2 तिमोथी 3:10-17

2 तिमोथी 3:10-17 HINCLBSI

तुमने मेरी शिक्षा, मेरे आचरण, मेरे उद्देश्‍य, मेरे विश्‍वास, सहनशीलता, प्रेम और धैर्य का अनुकरण किया है। तुम जानते हो कि अन्‍ताकिया, इकोनियुम तथा लुस्‍त्रा जैसे नगरों में मुझ पर क्‍या-क्‍या अत्‍याचार हुए और मुझे कितना सताया गया। मैंने कितने अत्‍याचार सहे! किन्‍तु प्रभु सब में मेरी रक्षा करता रहा है। वास्‍तव में जो लोग येशु मसीह के शिष्‍य बन कर भक्‍तिपूर्वक जीवन बिताना चाहेंगे, उन सबको अत्‍याचार सहना ही पड़ेगा। किन्‍तु पापी और धूर्त लोग दूसरों को और अपने को धोखा देते हुए बदतर होते जायेंगे। परन्‍तु, जहाँ तक तुम्‍हारा संबंध है, तुम उस पर आचरण करते रहो जो तुमने सीखा है और जिसमें तुमने दृढ़ विश्‍वास किया है। याद रखो कि किन लोगों से तुमने यह सब सीखा है और यह कि तुम बचपन से पवित्र आलेखों से परिचित हो। ये पवित्र आलेख तुम्‍हें उस मुक्‍ति का ज्ञान दे सकते हैं, जो येशु मसीह में विश्‍वास करने से प्राप्‍त होती है। पूरा धर्मग्रन्‍थ परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखा गया है। वह शिक्षा देने के लिए, भ्रान्‍त धारणाओं का खण्‍डन करने के लिए, जीवन के सुधार के लिए और सदाचरण का प्रशिक्षण देने के लिए उपयोगी है, जिससे परमेश्‍वर का भक्‍त सुयोग्‍य और हर-प्रकार के सत्‍कार्य के लिए उपयुक्‍त बन जाये।

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