2 तिमोथी 1:1-5

2 तिमोथी 1:1-5 HINCLBSI

यह पत्र प्रिय पुत्र तिमोथी के नाम पौलुस की ओर से है, जो परमेश्‍वर की इच्‍छा से येशु मसीह का प्रेरित है; क्‍योंकि वह उस जीवन का संदेश सुनाने के लिए भेजा गया है, जो येशु मसीह में है और जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्‍वर ने की है। पिता परमेश्‍वर और हमारे येशु मसीह तुम्‍हें कृपा, दया तथा शान्‍ति प्रदान करें! मैं अपने पूर्वजों की तरह शुद्ध अन्‍त:करण से परमेश्‍वर की सेवा करता हूँ और उसे धन्‍यवाद देता हुआ निरन्‍तर रात-दिन तुम्‍हें अपनी प्राथनाओं में याद करता हूँ। जब मुझे तुम्‍हारे आँसुओं का स्‍मरण आता है, तो तुम से फिर मिलने की तीव्र अभिलाषा हो जाती है, जिससे मेरा आनन्‍द परिपूर्ण हो जाये। तब मुझे तुम्‍हारा निष्‍कपट विश्‍वास सहज ही याद आता है। यह विश्‍वास पहले तुम्‍हारी नानी लोइस तथा तुम्‍हारी माता युनीके में विद्यमान था और मुझे निश्‍चय है, अब यह तुम में भी विद्यमान है।

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