2 राजा 1:1-12

2 राजा 1:1-12 HINCLBSI

राजा अहाब की मृत्‍यु के पश्‍चात् मोआब जाति ने इस्राएली राज्‍य के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। एक दिन अहाब का पुत्र राजा अहज्‍याह सामरी नगर में अपने उपरले कक्ष की जालीदार खिड़की से नीचे गिर गया। वह गम्‍भीर रूप से घायल हो गया। उसने दूत भेजे। उसने उन्‍हें यह आदेश दिया, ‘जाओ, और एक्रोन नगर-राज्‍य के देवता बअल-जबूल से यह पूछो : क्‍या मैं अपनी इस बीमारी से बचूंगा अथवा नहीं?’ प्रभु का दूत तिश्‍बे नगर के नबी एलियाह से बोला, ‘उठ, और सामरी राजा के दूतों से मिलने के लिए जा। तू उनसे यह कहना : “क्‍या इस्राएली राष्‍ट्र का अपना परमेश्‍वर नहीं है जो तुम एक्रोन नगर के देवता बअल-जबूल के पास पूछने के लिए जा रहे हो? इसलिए प्रभु तुम्‍हारे महाराज से यों कहता है: जिस पलंग पर तू पड़ा है, वहां से तू नीचे नहीं उतरेगा। तू निश्‍चय ही मरेगा!” ’ अत: एलियाह गए। दूत राजा के पास लौटे। राजा ने उनसे कहा, ‘यह क्‍या? तुम लौट आए?’ दूतों ने राजा को बताया, ‘एक मनुष्‍य हमसे मिलने के लिए आया। उसने हमसे यह कहा, “जाओ, महाराज के पास लौटो, जिन्‍होंने तुम्‍हें भेजा है। तुम उनसे यह कहना, ‘प्रभु यों कहता है : क्‍या इस्राएली राष्‍ट्र का अपना परमेश्‍वर नहीं है जो तू एक्रोन नगर के देवता बअल-जबूल के पास पूछने के लिए दूतों को भेज रहा है? इसलिए जिस पलंग पर तू पड़ा है, वहां से तू नीचे नहीं उतरेगा। तू निश्‍चय ही मरेगा।’ ” ’ राजा ने उनसे पूछा, ‘जो मनुष्‍य तुमसे मिलने के लिए आया था, और जिसने तुमसे ये बातें कहीं, वह कैसा था?’ उन्‍होंने राजा को उत्तर दिया, ‘वह रोएंदार वस्‍त्र पहिने हुए था। उसकी कमर में चमड़े का पटुका बन्‍धा था।’ राजा ने कहा, ‘निस्‍सन्‍देह, वह तिश्‍बे नगर का एलियाह था।’ राजा ने एलियाह के पास पचास सैनिकों तथा उनके सेना-नायक को भेजा। सेना-नायक गया। उस समय एलियाह पहाड़ की चोटी पर बैठे हुए थे। सेना-नायक ने एलियाह को पुकारा, ‘ओ परमेश्‍वर के जन! महाराज ने यह कहा है: “नीचे उतरो!” ’ परन्‍तु एलियाह ने सेना-नायक को यह उत्तर दिया, ‘यदि मैं परमेश्‍वर का जन हूं, तो आकाश से आग बरसे और तुझे तथा तेरे पचास सैनिकों को भस्‍म कर दे!’ तत्‍काल आकाश से आग बरसने लगी और आग ने सेना-नायक और उसके पचास सैनिकों को भस्‍म कर दिया। राजा ने एलियाह के पास पुन: पचास सैनिकों और उनके सेना-नायक को भेजा। सेना-नायक गया। उसने एलियाह को पुकारा, ‘ओ परमेश्‍वर के जन! महाराज यों कहते हैं : “अविलम्‍ब नीचे उतरो!” ’ परन्‍तु एलियाह ने सेना-नायक को यह उत्तर दिया, ‘यदि मैं परमेश्‍वर का जन हूं तो आकाश से आग बरसे और तुझे तथा तेरे पचास सैनिकों को भस्‍म कर दे!’ तत्‍काल आकाश से परमेश्‍वर की आग बरसने लगी और आग ने सेना-नायक और पचास सैनिकों को भस्‍म कर दिया।