1 शमूएल 8:10-22

1 शमूएल 8:10-22 HINCLBSI

शमूएल ने प्रभु के ये वचन उन लोगों से कहे, जो उससे राजा की माँग कर रहे थे। शमूएल ने कहा, ‘जो राजा तुम पर राज्‍य करेगा, उसके संवैधानिक अधिकार ये होंगे : वह तुम्‍हारे पुत्रों को तुमसे छीन लेगा, और उन्‍हें अपने रथों का सारथी, और अपना घुड़सवार नियुक्‍त करेगा। वे उसके रथ के आगे-आगे दौड़ेंगे। वह अपने लिए हजार-हजार, और पचास-पचास सैनिकों पर उन्‍हें सेनानायक नियुक्‍त करेगा। वह तुम्‍हारे पुत्रों से अपने खेत जुतवाएगा। वे उसकी फसल काटेंगे। वह उनसे अपने लिए युद्ध के हथियार और अपने रथों का सामान बनवाएगा। वह तुम्‍हारी पुत्रियों को भी छीन लेगा कि वे उसकी इत्रफरोश, रसोइया और नानबाई बनें! वह तुम्‍हारे खेतों, अंगूर के उद्यानों और जैतून के बागों की फसल का उत्तम भाग हथियाकर अपने सेवकों को देगा। वह तुम्‍हारे अनाज का, अंगूर की फसल का दसवां भाग लेगा, और उसको अपने अधिकारियों और सेवकों को दे देगा। वह तुम्‍हारे सेवक-सेविकाओं को तथा उत्तम गाय-बैलों और गधों को छीन लेगा, और उनसे अपना काम कराएगा। वह तुम्‍हारी भेड़-बकरियों का भी दसवां अंश लेगा। तुम उसके गुलाम बन जाओगे। उस दिन तुम अपने राजा के कारण, जिसे तुमने अपने लिए चुना है, दुहाई दोगे! किन्‍तु प्रभु, उस दिन तुम्‍हें उत्तर नहीं देगा।’ इस्राएली लोगों ने शमूएल की बात सुनना अस्‍वीकार कर दिया। उन्‍होंने कहा, ‘नहीं, हमें राजा ही चाहिए, जिससे हम भी अन्‍य राष्‍ट्रों के समान बन सकें। हमारा राजा हम पर शासन करेगा। वह युद्ध के समय हमारे आगे-आगे जाएगा, और हमारे लिए युद्ध करेगा।’ शमूएल ने लोगों की ये बातें सुनीं और उन्‍हें प्रभु के कानों में कह दीं। प्रभु ने शमूएल से कहा, ‘तू उनकी बात सुन, और उनके लिए एक राजा नियुक्‍त कर दे।’ अत: शमूएल ने इस्राएली लोगों से कहा, ‘प्रत्‍येक व्यक्‍ति अपने नगर को लौट जाए।’