1 योहन 3:1-10

1 योहन 3:1-10 HINCLBSI

पिता ने हमसे कितना महान प्रेम किया है। हम परमेश्‍वर की सन्‍तान कहलाते हैं और हम वास्‍तव में वही हैं। संसार हमें नहीं जानता, क्‍योंकि उसने परमेश्‍वर को नहीं जाना है। प्रियो! अब हम परमेश्‍वर की सन्‍तान हैं, किन्‍तु यह अभी तक प्रकट नहीं हुआ कि हम क्‍या बनेंगे। हम इतना ही जानते कि जब मसीह प्रकट होंगे, तो हम उनके सदृश बन जायेंगे; क्‍योंकि हम उनको वैसा ही देखेंगे जैसा कि वह वास्‍तव में हैं। जो कोई मसीह से ऐसी आशा करता है, उसे वैसा ही पवित्र बनना चाहिए, जैसा कि वह पवित्र हैं। जो व्यक्‍ति पाप करता है, वह अधर्म का कार्य करता है; क्‍योंकि पाप का अर्थ है अधर्म का साथ देना। तुम जानते हो कि मसीह हमारे पाप हरने के लिए प्रकट हुए। उन में कोई पाप नहीं है। जो कोई उन में निवास करता है, वह पाप नहीं करता। जो कोई पाप करता है, उसने उन्‍हें नहीं देखा है और वह उन्‍हें नहीं जानता। बच्‍चो! कोई तुम्‍हें बहकाये नहीं। जो धर्माचरण करता है, वह मसीह की तरह धार्मिक है। जो पाप करता है, वह शैतान से है; क्‍योंकि शैतान प्रारम्‍भ से पाप करता आया है। परमेश्‍वर का पुत्र इसीलिए प्रकट हुआ कि वह शैतान के कार्य समाप्‍त कर दे। जो कोई परमेश्‍वर से उत्‍पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता; क्‍योंकि परमेश्‍वर का बीज-रूपी वचन उसमें बना रहता है। वह पाप नहीं कर सकता, क्‍योंकि वह परमेश्‍वर से उत्‍पन्न हुआ है। परमेश्‍वर की सन्‍तान और शैतान की सन्‍तान की पहचान यह है: जो भी व्यक्‍ति धर्माचरण नहीं करता, वह परमेश्‍वर की सन्‍तान नहीं है और वह भी नहीं, जो अपने भाई अथवा बहिन से प्रेम नहीं करता।

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