स्तोत्र 34:17-19

स्तोत्र 34:17-19 HSS

धर्मी की पुकार को याहवेह अवश्य सुनते हैं; वह उन्हें उनके संकट से छुड़ाते हैं. याहवेह टूटे हृदय के निकट होते हैं, वह उन्हें छुड़ा लेते हैं, जो आत्मा में पीसे हुए है. यह संभव है कि धर्मी पर अनेक-अनेक विपत्तियां आ पड़ें, किंतु याहवेह उसे उन सभी से बचा लेते हैं

स्तोत्र 34:17-19 के लिए वचन चित्र

स्तोत्र 34:17-19 - धर्मी की पुकार को याहवेह अवश्य सुनते हैं;
वह उन्हें उनके संकट से छुड़ाते हैं.
याहवेह टूटे हृदय के निकट होते हैं,
वह उन्हें छुड़ा लेते हैं, जो आत्मा में पीसे हुए है.

यह संभव है कि धर्मी पर अनेक-अनेक विपत्तियां आ पड़ें,
किंतु याहवेह उसे उन सभी से बचा लेते हैंस्तोत्र 34:17-19 - धर्मी की पुकार को याहवेह अवश्य सुनते हैं;
वह उन्हें उनके संकट से छुड़ाते हैं.
याहवेह टूटे हृदय के निकट होते हैं,
वह उन्हें छुड़ा लेते हैं, जो आत्मा में पीसे हुए है.

यह संभव है कि धर्मी पर अनेक-अनेक विपत्तियां आ पड़ें,
किंतु याहवेह उसे उन सभी से बचा लेते हैं