यह वह अवसर था जब येशु ने इस प्रकार कहा: “पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के स्वामी, मैं आपकी स्तुति करता हूं कि आपने ये सभी सच बुद्धिमानों और ज्ञानियों से छुपा रखे और नन्हे बालकों पर प्रकट कर दिए क्योंकि पिता, आपकी दृष्टि में यही अच्छा था. सच है, पिता, क्योंकि इसी में आपको परम संतोष था. “मेरे पिता द्वारा सब कुछ मुझे सौंप दिया गया है. पिता के अलावा कोई पुत्र को नहीं जानता और न ही कोई पिता को जानता है, सिवाय पुत्र के तथा वे, जिन पर वह प्रकट करना चाहें. “तुम सभी, जो थके हुए तथा भारी बोझ से दबे हो, मेरे पास आओ, तुम्हें विश्राम मैं दूंगा. मेरा जूआ अपने ऊपर ले लो और मुझसे सीखो क्योंकि मैं दीन और हृदय से नम्र हूं और तुम्हें मन में विश्राम प्राप्त होगा
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सभी संस्करणों की तुलना करें: मत्तियाह 11:25-29
पांच दिन
चिंता करने के लिए प्रवृत होते समय, हम उसे परमेश्वर को सौंप सकते हैं l वह हमारा ध्यान रखने में कभी नहीं थकता है l वह सबसे बुद्धिमान और सामर्थी है, और वह इन्हें हमारे लिए उपयोग करना चाहता है l तारों, नक्षत्रों को आज्ञा देनेवाला परमेश्वर हमारे चारों ओर अपनी बाहें फैलता है l जहां विश्वास आरम्भ होता है वहां चिंता समाप्त हो जाती है l परमेश्वर पर भरोसा करके चिंता पर विजय प्राप्त करें!
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