“कहां थे तुम, जब मैंने पृथ्वी की नींव डाली थी? यदि तुममें कुछ भी समझ है, मुझे इसका उत्तर दो. यदि तुम्हें मालूम हो! तो मुझे बताओ, किसने पृथ्वी की नाप ठहराई है? अथवा, किसने इसकी माप रेखाएं निश्चित की? किस पदार्थ पर इसका आधार स्थापित है? किसने इसका आधार रखा? जब निशांत तारा सहगान में एक साथ गा रहे थे तथा सभी स्वर्गदूत उल्लासनाद कर रहे थे, तब कहां थे तुम? “अथवा किसने महासागर को द्वारों द्वारा सीमित किया, जब गर्भ से इसका उद्भव हो रहा था; जब मैंने इसके लिए मेघ परिधान निर्मित किया तथा घोर अंधकार को इसकी मेखला बना दिया, तथा मैंने इस पर सीमाएं चिन्हित कर दीं तथा ऐसे द्वार बना दिए, जिनमें चिटकनियां लगाई गईं; तथा मैंने यह आदेश दे दिया ‘तुम यहीं तक आ सकते हो, इसके आगे नहीं तथा यहां आकर तुम्हारी वे सशक्त वाली तरंगें रुक जाएंगी’? “क्या तुमने अपने जीवन में प्रभात को यह आदेश दिया है, कि वह उपयुक्त क्षण पर ही अरुणोदय किया करे, कि यह पृथ्वी के हर एक छोर तक प्रकट करे, कि दुराचारी अपने-अपने छिपने के स्थान से हिला दिए जाएं? गीली मिट्टी पर मोहर लगाने समान परिवर्तन जिसमें परिधान के सूक्ष्म भेद स्पष्ट हो जाते हैं. सूर्य प्रकाश की उग्रता दुर्वृत्तों को दुराचार से रोके रहती है, मानो हिंसा के लिए उठी हुई उनकी भुजा तोड़ दी गई हो. “अच्छा, यह बताओ, क्या तुमने जाकर महासागर के स्रोतों का निरीक्षण किया है अथवा सागर तल पर चलना फिरना किया है? क्या तुमने घोर अंधकार में जाकर मृत्यु के द्वारों को देखा है? क्या तुम्हें ज़रा सा भी अनुमान है, कि पृथ्वी का विस्तार कितना है, मुझे बताओ, क्या-क्या मालूम है तुम्हें?
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सभी संस्करणों की तुलना करें: अय्योब 38:4-18
5 Days
These are unprecedented times for those of us who are alive on planet earth at this moment. Historically, we can find hope if we turn to the One who made it all and is Lord of all. What does the Bible say about why these things happen, what is God’s response to it, and what is my hope in life and death?
7 दिन
RREACH के अध्यक्ष और डलास थियोलॉजिकल सेमिनरी के प्रोफेसर डॉ. रमेश रिचर्ड के साथ सात दिन बिताएं, वह हमें पासबान के नज़रिए से मृत्यु कि वास्तविकता के बारे में बताएंगे। हम में से प्रत्येक जन निश्चित तौर पर मृत्यु का सामना करेगा, लेकिन एक मसीही कि मसीह में आशा है- जो कोई उसमें जीता और विश्वास करता है, वह कभी न मरेगा। क्या आप विश्वास करते हैं?
14 दिन
पुराने नियम में, परमेश्वर ने लोगों (संपर्क) को चुना, उनके साथ अनेकों तरीकों से बातचीत की।यह, नए नियम के प्रकाश में, वचन के गहरे दृष्टिकोण को प्रदान करता है। परमेश्वर के संपर्को के चार भाग हैं, जिसमे पहला भाग पुराने नियम के कुलपतियों का काल है – जिसमे प्रमुख लोगों के आधार अर्थात विश्वास की चर्चा की गयी है।
23 दिन
इस स्वर्ग और पृथ्वी नाटक में, हम अय्यूब से मिलते हैं, एक अच्छा आदमी, जिस पर भगवान ने शैतान को हमला करने की अनुमति दी थी; हर किसी के मन में बहुत सारे सवाल होते हैं कि बुरी चीजें क्यों होती हैं। जब आप ऑडियो अध्ययन सुनते हैं और भगवान के वचन से चुनिंदा छंद पढ़ते हैं, तो जॉब के माध्यम से दैनिक यात्रा करें।
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