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2 कुरिन्थियों 4:18
पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)
HINCLBSI
इसलिए हमारी आंखें दृश्य पर नहीं, बल्कि अदृश्य वस्तुओं पर टिकी हुई हैं, क्योंकि जो वस्तुएं हम देखते हैं, वे अल्पकालिक हैं। अनदेखी वस्तुएं अनन्तकाल तक बनी रहती हैं।
Ṣe Àfiwé
Ṣàwárí 2 कुरिन्थियों 4:18
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2 कुरिन्थियों 4:16-17
यही कारण है कि हम हिम्मत नहीं हारते। हमारे शरीर की शक्ति भले ही क्षीण होती जा रही हो, किन्तु हमारे अभ्यन्तर में दिन-प्रतिदिन नये जीवन का संचार होता रहता है; क्योंकि हमारा क्षण-भर का हलका-सा कष्ट हमें हमेशा के लिए भारी मात्रा में अपार महिमा दिलाता है।
Ṣàwárí 2 कुरिन्थियों 4:16-17
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2 कुरिन्थियों 4:8-9
हम कष्टों से घिरे रहते हैं, परन्तु कभी हार नहीं मानते। हम परेशान होते हैं, परन्तु कभी निराश नहीं होते। हम पर अत्याचार किया जाता है, परन्तु हम अपने को परित्यक्त नहीं पाते। हम को गिराया जाता है, परन्तु हम नष्ट नहीं होते।
Ṣàwárí 2 कुरिन्थियों 4:8-9
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2 कुरिन्थियों 4:7
यह अमूल्य निधि हममें-मिट्टी के पात्रों में रखी रहती है, जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि यह अलौकिक सामर्थ्य हमारा अपना नहीं, बल्कि परमेश्वर का है।
Ṣàwárí 2 कुरिन्थियों 4:7
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2 कुरिन्थियों 4:4
इस युग-संसार के देवता ने अविश्वासियों का मन इतना अन्धा कर दिया है कि वे परमेश्वर के प्रतिरूप, अर्थात् मसीह के तेजोमय शुभ समाचार की ज्योति को देखने में असमर्थ हैं।
Ṣàwárí 2 कुरिन्थियों 4:4
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2 कुरिन्थियों 4:6
परमेश्वर ने आदेश दिया था कि “अन्धकार में प्रकाश हो जाये।” उसी ने हमारे हृदय को अपनी ज्योति से आलोकित कर दिया है, जिससे हम परमेश्वर का वह तेज जान जायें, जो येशु मसीह के मुखमण्डल पर चमकता है।
Ṣàwárí 2 कुरिन्थियों 4:6
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