1 कुरिन्थियों भूमिका

भूमिका
पौलुस कुरिन्थ नगर म बस्वास्या की टोळी बणायो। कुरिन्थ नगर का बस्वास्या की टोळी म मसी जन्दगी अर बस्वास का बारा म थोड़ी समस्या पदा होई, जद्‍या पौलुस वां समस्या को हल काढता होया यो कागद माण्ढ्यो छो। ईका सई बगत को तोल देल्फी नांऊ की ठार म सिलालेख सुं पड़यो छ क गल्‍लियो सन् 52 ईसवी मं उण्डअ को रोमी राजपाल छो। वो पौलुस बेई बुज-थाज कर्यो छो।
कुरिन्थ एक भरयोपुरो नगर छो। उम्अ घणी जात्या का मनख रेव्अ छा, अर रोम का राज का अखाया नगर की राजधानी छो। कुरिन्थ की महमा सबळा रोम का राज म छी। बोपार को ठकाणो, यूनानी संस्कृति को गौरव, अर घणासारा धरमा को ठकाणो छो। ईक्अ अलावा कुरिन्थ नगर खुदका बरा बुवार अर दुराचार की बजेसुं बी बदनाम छो।
पौलुस बस्वास्या की टोळी म गुटबाजी अर अनैतिक बेवार की समस्या सुं खासकर'र परेसान छो। बस्वास्या की टोळी म संयम, बियाऊ, समझ, आराधना को तरीको, पवितर-आत्मा का वरदान अर फेरू जीवतो होबा का बारा म बी सुवाल उठाया छा। पौलुस चोखी समझ सुं अर चोखा समचार क माईन्अ यां सुवाला को जुवाब दियो छ।
ई कागद को 13 वो पाठ सबसु साऊटो पढ़यो अर समझायो जाव्अ छ। ई पाठ म परेम न्अ सबसु उत्तम बताया छ। पौलुस खेव्अ छ क परमेसर सुं मनख ज्यात न्अ दिया सबळा वरदाना म परेम सबसु चोखो छ।
रूप रेखा
सुवागत 1:1–9
बस्वास्या की टोळी म गुटबाजी 1:10—4:21
नेतिकता अर परवार की जन्दगी 5:1—7:40
मसीई अर दूसरा धरम का 8:1—11:1
बस्वास्या की टोळी की जन्दगी अर आराधना 11:2—14:40
मसी को अर मनखा को फेरू जीवतो होबो 15:1–58
यहूदा परदेस का गरीब परमेसर का पवितर मनखा बेई दान 16:1–4
आखरी संदेस 16:5–24

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