“हथियार धरे ओकर सेनामन मंदिर के किला ला अपबितर करे बर आघू बढ़हीं अऊ हर दिन चढ़ाय जवइया बलिदान ला बंद कर दीहीं। तब ओमन घिन जिनिस के स्थापना करहीं, जऊन ह उजाड़ के कारन बनथे। चापलूसी करके ओह ओमन ला भ्रस्ट करही, जऊन मन करार ला टोर दिये होहीं, पर जऊन मनखेमन अपन परमेसर ला जानथें, ओमन ओकर जोरदार बिरोध करहीं।