तेरेमां तुहुंं बी जागता रहु, काहाकी तुहुंं नी जाणु की घरेन मालीक कत्यार आवसे सांतु की, आदी राते, की कुकड़ा वासणीक की, दाहड़ु उंगे तत्यार। असो नी हय जाय की चु उचकान आय लागे ने तुहुंं सुवतेला तीनाक देखाव पड़ु। ने ज मे तुंद्रे सी कय र्यु चीत वात आखा सी कहं की: जागता रहु।”