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मत्ती 5:5

मत्ती 5:5 LII25

“धन्य हंय हि, जो नम्र हंय, कहालीकि हि धरती को वारीसदार होयेंन।”

मत्ती 5:5 साठी श्लोक प्रतिमा

मत्ती 5:5 - “धन्य हंय हि, जो नम्र हंय,
कहालीकि हि धरती को वारीसदार होयेंन।”मत्ती 5:5 - “धन्य हंय हि, जो नम्र हंय,
कहालीकि हि धरती को वारीसदार होयेंन।”