लूका 11
11
यीसु न बिनती सिखायो
(मत्ती 6:9-13)
1ते एक बखत यीसु कोई जगह पर विनती कर रयो हतो, विनती खत्म होन पर उनको एक चेला न उनसे कहयो, “प्रभु हम का निवेदन करनो सिखा, जसो यूहन्ना न अपनो चेला हुन ख सिखायो रहा।”
2यीसु न ओसे कहयो, जब तुम प्रार्थना करे: ते कहेनो:
अरे बाप,
तोरो नाम सुध्द मानो जाहे,
तोरो राज आय।
3हमरी दिन भर की रोटी हर रोज हम ख दियो कर,
4अर हमरा पाप हुन ख माप करयो,
काहेकि हम भी अपन हर एक अपराधी का माप करा हैं,
अर हमका परीक्छा म मत ला।
प्रार्थना को बारे म यीसु की सिक्छा
(मत्ती 7:7-11)
5अऊर यीसु उन से कहयो भी हतो, “तुम म से कोन हैं कि ओको दोस्त होय, अर उ आधी रात ख ओको नजीक जाय ख ओसे कहयो, अरे दोस्त मोखा तीन रोटी दे। 6काहेकि एक यातरी दोस्त मोरो नजीक आयो हैं, अर ओको आगे रखनो ख लाने मोरो पास कुछ नी हाय।” 7अर उ घर को अन्दर से उत्तर दे, “मो ख तंग मत कर। अब ते दरवाजा बन्द हो चुको हैं। मोरो पोरा पोरी ख मोरो संग बिस्तर पर हैं, मी उठ ख तुम ख कई भी नी दे सका हैं?” 8मी तुम से कहू हैं, अदि ओको दोस्त होनो पर भी ओ ख उठ ख नी दे; तेभी ओखा लाज ख छोड़ ख माँगन को कारन ओखा जित्ती जरूरत होए उत्ती उठ ख देहे। 9अऊर मी तुम से कहू हैं कि माँगो, ते तुम ख दियो जाहे; ढूँडे, ते तुम ख मिलेगो; खटखटाओ, ते तुमारो लाने खोलो जाहे। 10काहेकि जे कोई माँगे हैं, ओ ख मिला हैं; अर जे ढूढ़ा हैं, ओ ख मिला हैं; अर जे खटखटाऊ हैं, ओको लाने खोलो जाहे। 11अदि तुमरो म से असो कऊन सो बाप होए, कि जब ओको पोरिया रोटी माँगे, ते ओ ख पत्थर देहे; या मच्छी माँगे, ते मच्छी को बदला ओ ख साँप देहे? 12या अण्डा माँगे ते ओ ख बिच्चु दे हे? 13एकोलाने जब तुम बुरा होय ख अपना पोरिया-पारी ख अच्छी चीज देनो जाना हैं, “ते स्वर्ग म रहन वालो बाप अपना माँगन वाला हुन ख सुध्द आत्मा काहे नी देहे।”
यीसु अर बालजबूल
(मत्ती 12:22-30; मरकुस 3:20-27)
14अऊर यीसु एक दुस्टात्मा गूँगा हतो, निकल रह हतो। दुस्टात्मा ख निकलते ही गूँगा अदमी कहन लगो अऊर अदमी अचम्भा म पड़ गयो हतो 15पर ओ म से कुछ न कहयो, “यू ते सैतान बालजबूल नाम को दुस्टात्मा हुन को मुखिया कि मदत से दुस्टात्मा हुन ख निकाला हैं।”
16अऊर हुन न ओकी यीसु परीक्छा करन को लाने ओसे स्वर्ग को एक चिखान माँगो। 17पर ओ न उनको मन की बात जान ख, उनसे कहयो, “जे-जे राज्य म फूट होवा हैं, उ राज्य उजड़ जावा हैं; अर जे घर म फूट होवा हैं, उ नास हो जावा हैं।” 18यदि सैतान अपनो ही बैरी हो जाए, ते ओको राज्य कसो बनो रहेगो? काहेकि तुम मोरो बारे म तो कहाँ हैं कि यु बालजबूल सैतान की मदद से दुस्टात्मा हुन ख निकालू हैं। 19अऊर मी बालजबूल कि मददत से दुस्टात्मा ख निकालू हैं, ते तुमारो पोरिया को की मददत से उन ख निकाल हैं? एकोलाने वी तुम लोग हुन ख न्याय करे। 20पर अदि मी परमेस्वर को सक्ति से दुस्टात्मा का निकालू हैं ते परमेस्वर को राज्य तुम्हारो नजीक आ पहुँचियो हैं।
21अऊर जब बलवान अदमी हथियार बाँध ख, अपनो घर की रखवाली हैं, ते ओकी धन-दऊलत (संपत्ति) बची रहवा हैं। 22पर जब ओसे बढ़ ख कोई बलवान चढ़ाई कर ख ओ ख जीत लेवा हैं, ते ओखा वी अऊजार जिन पर ओको भरोसा हतो, छुड़ा लेवा हैं, अर ओकी धन-दऊलत लूट ख बाँट देवा हैं। 23जे मोरो संग नी उ मोरो विरोध म हैं, अऊर जे मोरो संग नी बटोरा उ उबिखेरा हैं।
बुरो आत्मा को लोउटनो
(मत्ती 12:43-45)
24“अऊर बुरी आत्मा अदमी म से निकल जाय हैं ते सुखी जगह म आराम ढूँढ़ते फिरा हैं, अर जब नी पाय हैं ते बोला हैं, ‘मी अपनो उई घर म जहाँ से निकल हती लोउट जाऊ।’ 25अर आ ख ओखा झाड़ो-बुहारो अर सजो-सजायो पाहे हैं। 26ते उ जाय ख अपनो से भी जादा सात बुरी आत्मा हुन ख लेख आय हैं अऊर वे उ घर म अन्दर जा ख उ बस जाते हैं। यूईच कारन उ अदमी कि या पिछलो दसा पहली से भी जादा बुरी हो जाय हैं।”
वी धन्य आय
27जब उ या बात कहत ही रह हतो ते भीड़ म से किसी बाई न बड़ी जोर से कहयो, “धन्य हैं वा कोक जेमा तू पैदा भयो अर माय को दूध जे तू न पियो।”
28अऊर यीसु न कहयो, “हव; पर धन्य वी हैं जे परमेस्वर का वचन सुना अर माना हैं।”
स्वर्ग को चिन्ह की माँग
(मत्ती 12:38-42)
29अऊर जब भीड़ बडत जावा अर जुडते होन लगी ते यीसु कहन लग गयो, “यू जमाना ख अदमी बुरा हैं; वी चिन्ह ढूढ़ा हैं; पर योना चिन्न का छोड़ कोई अऊर चिन्ह उन ख नी दियो जाएगो। 30जसो योना नीनवे का अदमी हुन को लियो चिन्ह ठहरायो, वसो ही इंसान को पोरिया भी यु युग का अदमी हुन को लियो ठहरेगो। 31दक्छिन की रानी न्याय को दिन यु बखत का अदमी हुन को संग उठकर उन का दोसी ठहराएगो, काहेकि उ सुलैमान को ग्यान सुनन ख दुनिया की उ छोर से आई, अर देखनु, यु उ हैं जे सुलैमन से भी बड़ो हैं। 32अऊर नीनवे का लोग न्याय को रोज या बखत ख लोग हुन को संग खड़ो हो ख, उनका, दोसी ठहरायगो; काहेकि उन ना योना को प्रचार सुन ख मन फिरायो, अर देखनु यु उईच आय हैं जे योना से भी बड़ो हैं।
सरीर को उजारो
(मत्ती 5:15; 6:22,23)
33“कोई अदमी दीया जला ख तलघर म या डुल्ला को नीचू नी रखा हैं, पर दिया ठानी दिया रखने की जगह पा रखा हैं कि अन्दर आन वाला का उजेरो मिले। 34तोरो सरीर को दिया तोरी आँख हैं एकोलाने जब तोरी आँख चोक्खी हैं तो तोरो पुरो सरीर भी उजरो हैं; पर जब वा बुरी हैं ते तोरो पुरो सरीर भी अन्धेरो हैं। 35एकोलाने यू बात ख याद रखनो कि जे उजरो तुम म हैं, उ अन्धरो नी हो जाहे। 36एकोलाने अदि तोरो पुरो सरीर उजलो होए अर ओकी कोई अंग अंधेरो नी रहे ते पूरो को पूरो असो उजेला होएगो, जसो वा बखत होवा हैं जब दिया अपनो चमकनो से तोखा उजाला देवह हैं।”
सासतिरी अर फरीसी पर हाय
(मत्ती 23:1-36; मरकुस 12:38-40)
37अऊर जब यीसु बात कर ही रयो हतो कि ते कोई फरीसी न उन से यू विनती कियो, “की तू मोरो संग खानो करे।” यीसु अन्दर जा ख खानो करन बैठियो। 38फरीसी न यू देख ख अचम्बा भयो कि ओ न खाना खान से पहलो हात पाय नी धोयो। 39प्रभु न ओसे कहयो, “अरे फरीसी हुन, तुम कटोरा हुन अर कोपर का ऊपर से तो मांजा हैं, पर तुमरो भीतर लालच अर बुरी बात भरी हैं।” 40अरे बे अकली जेना बाहर को भाग बनायो, का ओ ना अन्दर को भाग नी बनायो? 41पर अन्दर वालो भाग ख दान कर देव, ते देख सब कुछ तुम्हारो लियो सुध्द हो जाएगो।
42“पर अरे फरीसी हुन, तुम पर धितकार! पुदीने अर सोप का अर सब भाँति का साग-पात का दसवां हिस्सा (अंस) देवा हैं, पर न्याय को अर परमेस्वर को प्रेम का टाल देवा हैं तुमारी मर्जी या होनो थो कि इन ख भी कर रहनो अर उन ख भी नी छोड़ते।
43“हे फरीसी हुन, तुम पर धितकार! तुम प्रार्थना घर हुन म अच्छी-अच्छी जगा आसन अर बजार हुन म प्रेम नमस्कार चाहवा हैं।” 44धितकार तुम पर! काहेकि तुम वा लुकि समसान को जसो हैं, जिन को ऊपर अदमी हुन चला हैं पर नी जाना
45तब एक व्यवस्थापक न ओको जवाब दियो “अरे गुरू या बात हुन को बोलनो से तुम हमारो बुराई करा हैं।”
46अऊर यीसु न कहयो दियो, व्यवस्थापक ख सिक्छाक धितकार हैं तुम इंसान हुन पर असो बोझ लादते हैं। जिन ख ढोना कठिन हैं, पर तुम उन ख उठान का लाने अपनी एक उँगली भी नी लगा। 47अऊर धितकार हैं! पर तुम भी भविस्यवक्ता हुन कि समसान बनाव हैं जिनका तुमरो बाप दादा हुन न मार डालियो रह। 48अऊर पाप हुन ख माफ कर, काहेकि हम ख भी अपनो हरो एक अपराधी ख माफ कर हैं, अऊर हम ख परीक्छा म नी ला। 49एकोलाने परमेस्वर को ग्यान न भी कहयो हैं मी उनको नजीक भविस्यवक्ता उन का अर प्रेरित उन का भेजोगो अर वी उन म से कई का मार ड़ालेगो अर कुछ का सताएगो। 50एकोलाने दुनिया को सुरू से जित्ता भविस्यवक्ता हुन को खून बहायो गयो हैं हाबिल को खून से लेख जकरयाह को खून तक, जे मूर्ती अर मन्दिर गर्भ को बीच मारो गयो हतो ओको लेखा यू पीढ़ी ख चुकानो पड़े। मी तुम से कहूँ हैं, कि लेखा यूईच पीढ़ी ख चुकानो पड़े। 51हाबिल की माऊत से लेका जकरयाह की हत्या तक जो वेदी अर मंदिर को बीच म मार कियो गया हैं मी तुम से सही बोलू हैं इन सब को लेखा यु बखत को इंसान से लियो जाएगो
52अऊर व्यवस्थापक धितकार हैं तुम लोग हुन ख! काहेकि तुम न ग्यान की कुंजी ले ते लियो हैं पर तुम न स्वंय ही न भीतर नी करे अर जे भीतर करे रहे हतो उन ख रोक दियो हैं
53जब उ वहाँ से निकलो, ते सासतिरी अर फरीसी बुरी तरीका से ओको पिछे पड़ गया अर छोड़न लगियो कि उ बेजा सी बात की चर्चा करे, 54अऊर वी यूईच देख रया हता कि यीसु को मुन्डा से निकली कोई बात ख पकड़े।
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लूका 11: MtP25
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The Mehra Bible ©The Word for the World International and Mehra Bhasha Samiti, Betul, (M.P.) 2025.
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11
यीसु न बिनती सिखायो
(मत्ती 6:9-13)
1ते एक बखत यीसु कोई जगह पर विनती कर रयो हतो, विनती खत्म होन पर उनको एक चेला न उनसे कहयो, “प्रभु हम का निवेदन करनो सिखा, जसो यूहन्ना न अपनो चेला हुन ख सिखायो रहा।”
2यीसु न ओसे कहयो, जब तुम प्रार्थना करे: ते कहेनो:
अरे बाप,
तोरो नाम सुध्द मानो जाहे,
तोरो राज आय।
3हमरी दिन भर की रोटी हर रोज हम ख दियो कर,
4अर हमरा पाप हुन ख माप करयो,
काहेकि हम भी अपन हर एक अपराधी का माप करा हैं,
अर हमका परीक्छा म मत ला।
प्रार्थना को बारे म यीसु की सिक्छा
(मत्ती 7:7-11)
5अऊर यीसु उन से कहयो भी हतो, “तुम म से कोन हैं कि ओको दोस्त होय, अर उ आधी रात ख ओको नजीक जाय ख ओसे कहयो, अरे दोस्त मोखा तीन रोटी दे। 6काहेकि एक यातरी दोस्त मोरो नजीक आयो हैं, अर ओको आगे रखनो ख लाने मोरो पास कुछ नी हाय।” 7अर उ घर को अन्दर से उत्तर दे, “मो ख तंग मत कर। अब ते दरवाजा बन्द हो चुको हैं। मोरो पोरा पोरी ख मोरो संग बिस्तर पर हैं, मी उठ ख तुम ख कई भी नी दे सका हैं?” 8मी तुम से कहू हैं, अदि ओको दोस्त होनो पर भी ओ ख उठ ख नी दे; तेभी ओखा लाज ख छोड़ ख माँगन को कारन ओखा जित्ती जरूरत होए उत्ती उठ ख देहे। 9अऊर मी तुम से कहू हैं कि माँगो, ते तुम ख दियो जाहे; ढूँडे, ते तुम ख मिलेगो; खटखटाओ, ते तुमारो लाने खोलो जाहे। 10काहेकि जे कोई माँगे हैं, ओ ख मिला हैं; अर जे ढूढ़ा हैं, ओ ख मिला हैं; अर जे खटखटाऊ हैं, ओको लाने खोलो जाहे। 11अदि तुमरो म से असो कऊन सो बाप होए, कि जब ओको पोरिया रोटी माँगे, ते ओ ख पत्थर देहे; या मच्छी माँगे, ते मच्छी को बदला ओ ख साँप देहे? 12या अण्डा माँगे ते ओ ख बिच्चु दे हे? 13एकोलाने जब तुम बुरा होय ख अपना पोरिया-पारी ख अच्छी चीज देनो जाना हैं, “ते स्वर्ग म रहन वालो बाप अपना माँगन वाला हुन ख सुध्द आत्मा काहे नी देहे।”
यीसु अर बालजबूल
(मत्ती 12:22-30; मरकुस 3:20-27)
14अऊर यीसु एक दुस्टात्मा गूँगा हतो, निकल रह हतो। दुस्टात्मा ख निकलते ही गूँगा अदमी कहन लगो अऊर अदमी अचम्भा म पड़ गयो हतो 15पर ओ म से कुछ न कहयो, “यू ते सैतान बालजबूल नाम को दुस्टात्मा हुन को मुखिया कि मदत से दुस्टात्मा हुन ख निकाला हैं।”
16अऊर हुन न ओकी यीसु परीक्छा करन को लाने ओसे स्वर्ग को एक चिखान माँगो। 17पर ओ न उनको मन की बात जान ख, उनसे कहयो, “जे-जे राज्य म फूट होवा हैं, उ राज्य उजड़ जावा हैं; अर जे घर म फूट होवा हैं, उ नास हो जावा हैं।” 18यदि सैतान अपनो ही बैरी हो जाए, ते ओको राज्य कसो बनो रहेगो? काहेकि तुम मोरो बारे म तो कहाँ हैं कि यु बालजबूल सैतान की मदद से दुस्टात्मा हुन ख निकालू हैं। 19अऊर मी बालजबूल कि मददत से दुस्टात्मा ख निकालू हैं, ते तुमारो पोरिया को की मददत से उन ख निकाल हैं? एकोलाने वी तुम लोग हुन ख न्याय करे। 20पर अदि मी परमेस्वर को सक्ति से दुस्टात्मा का निकालू हैं ते परमेस्वर को राज्य तुम्हारो नजीक आ पहुँचियो हैं।
21अऊर जब बलवान अदमी हथियार बाँध ख, अपनो घर की रखवाली हैं, ते ओकी धन-दऊलत (संपत्ति) बची रहवा हैं। 22पर जब ओसे बढ़ ख कोई बलवान चढ़ाई कर ख ओ ख जीत लेवा हैं, ते ओखा वी अऊजार जिन पर ओको भरोसा हतो, छुड़ा लेवा हैं, अर ओकी धन-दऊलत लूट ख बाँट देवा हैं। 23जे मोरो संग नी उ मोरो विरोध म हैं, अऊर जे मोरो संग नी बटोरा उ उबिखेरा हैं।
बुरो आत्मा को लोउटनो
(मत्ती 12:43-45)
24“अऊर बुरी आत्मा अदमी म से निकल जाय हैं ते सुखी जगह म आराम ढूँढ़ते फिरा हैं, अर जब नी पाय हैं ते बोला हैं, ‘मी अपनो उई घर म जहाँ से निकल हती लोउट जाऊ।’ 25अर आ ख ओखा झाड़ो-बुहारो अर सजो-सजायो पाहे हैं। 26ते उ जाय ख अपनो से भी जादा सात बुरी आत्मा हुन ख लेख आय हैं अऊर वे उ घर म अन्दर जा ख उ बस जाते हैं। यूईच कारन उ अदमी कि या पिछलो दसा पहली से भी जादा बुरी हो जाय हैं।”
वी धन्य आय
27जब उ या बात कहत ही रह हतो ते भीड़ म से किसी बाई न बड़ी जोर से कहयो, “धन्य हैं वा कोक जेमा तू पैदा भयो अर माय को दूध जे तू न पियो।”
28अऊर यीसु न कहयो, “हव; पर धन्य वी हैं जे परमेस्वर का वचन सुना अर माना हैं।”
स्वर्ग को चिन्ह की माँग
(मत्ती 12:38-42)
29अऊर जब भीड़ बडत जावा अर जुडते होन लगी ते यीसु कहन लग गयो, “यू जमाना ख अदमी बुरा हैं; वी चिन्ह ढूढ़ा हैं; पर योना चिन्न का छोड़ कोई अऊर चिन्ह उन ख नी दियो जाएगो। 30जसो योना नीनवे का अदमी हुन को लियो चिन्ह ठहरायो, वसो ही इंसान को पोरिया भी यु युग का अदमी हुन को लियो ठहरेगो। 31दक्छिन की रानी न्याय को दिन यु बखत का अदमी हुन को संग उठकर उन का दोसी ठहराएगो, काहेकि उ सुलैमान को ग्यान सुनन ख दुनिया की उ छोर से आई, अर देखनु, यु उ हैं जे सुलैमन से भी बड़ो हैं। 32अऊर नीनवे का लोग न्याय को रोज या बखत ख लोग हुन को संग खड़ो हो ख, उनका, दोसी ठहरायगो; काहेकि उन ना योना को प्रचार सुन ख मन फिरायो, अर देखनु यु उईच आय हैं जे योना से भी बड़ो हैं।
सरीर को उजारो
(मत्ती 5:15; 6:22,23)
33“कोई अदमी दीया जला ख तलघर म या डुल्ला को नीचू नी रखा हैं, पर दिया ठानी दिया रखने की जगह पा रखा हैं कि अन्दर आन वाला का उजेरो मिले। 34तोरो सरीर को दिया तोरी आँख हैं एकोलाने जब तोरी आँख चोक्खी हैं तो तोरो पुरो सरीर भी उजरो हैं; पर जब वा बुरी हैं ते तोरो पुरो सरीर भी अन्धेरो हैं। 35एकोलाने यू बात ख याद रखनो कि जे उजरो तुम म हैं, उ अन्धरो नी हो जाहे। 36एकोलाने अदि तोरो पुरो सरीर उजलो होए अर ओकी कोई अंग अंधेरो नी रहे ते पूरो को पूरो असो उजेला होएगो, जसो वा बखत होवा हैं जब दिया अपनो चमकनो से तोखा उजाला देवह हैं।”
सासतिरी अर फरीसी पर हाय
(मत्ती 23:1-36; मरकुस 12:38-40)
37अऊर जब यीसु बात कर ही रयो हतो कि ते कोई फरीसी न उन से यू विनती कियो, “की तू मोरो संग खानो करे।” यीसु अन्दर जा ख खानो करन बैठियो। 38फरीसी न यू देख ख अचम्बा भयो कि ओ न खाना खान से पहलो हात पाय नी धोयो। 39प्रभु न ओसे कहयो, “अरे फरीसी हुन, तुम कटोरा हुन अर कोपर का ऊपर से तो मांजा हैं, पर तुमरो भीतर लालच अर बुरी बात भरी हैं।” 40अरे बे अकली जेना बाहर को भाग बनायो, का ओ ना अन्दर को भाग नी बनायो? 41पर अन्दर वालो भाग ख दान कर देव, ते देख सब कुछ तुम्हारो लियो सुध्द हो जाएगो।
42“पर अरे फरीसी हुन, तुम पर धितकार! पुदीने अर सोप का अर सब भाँति का साग-पात का दसवां हिस्सा (अंस) देवा हैं, पर न्याय को अर परमेस्वर को प्रेम का टाल देवा हैं तुमारी मर्जी या होनो थो कि इन ख भी कर रहनो अर उन ख भी नी छोड़ते।
43“हे फरीसी हुन, तुम पर धितकार! तुम प्रार्थना घर हुन म अच्छी-अच्छी जगा आसन अर बजार हुन म प्रेम नमस्कार चाहवा हैं।” 44धितकार तुम पर! काहेकि तुम वा लुकि समसान को जसो हैं, जिन को ऊपर अदमी हुन चला हैं पर नी जाना
45तब एक व्यवस्थापक न ओको जवाब दियो “अरे गुरू या बात हुन को बोलनो से तुम हमारो बुराई करा हैं।”
46अऊर यीसु न कहयो दियो, व्यवस्थापक ख सिक्छाक धितकार हैं तुम इंसान हुन पर असो बोझ लादते हैं। जिन ख ढोना कठिन हैं, पर तुम उन ख उठान का लाने अपनी एक उँगली भी नी लगा। 47अऊर धितकार हैं! पर तुम भी भविस्यवक्ता हुन कि समसान बनाव हैं जिनका तुमरो बाप दादा हुन न मार डालियो रह। 48अऊर पाप हुन ख माफ कर, काहेकि हम ख भी अपनो हरो एक अपराधी ख माफ कर हैं, अऊर हम ख परीक्छा म नी ला। 49एकोलाने परमेस्वर को ग्यान न भी कहयो हैं मी उनको नजीक भविस्यवक्ता उन का अर प्रेरित उन का भेजोगो अर वी उन म से कई का मार ड़ालेगो अर कुछ का सताएगो। 50एकोलाने दुनिया को सुरू से जित्ता भविस्यवक्ता हुन को खून बहायो गयो हैं हाबिल को खून से लेख जकरयाह को खून तक, जे मूर्ती अर मन्दिर गर्भ को बीच मारो गयो हतो ओको लेखा यू पीढ़ी ख चुकानो पड़े। मी तुम से कहूँ हैं, कि लेखा यूईच पीढ़ी ख चुकानो पड़े। 51हाबिल की माऊत से लेका जकरयाह की हत्या तक जो वेदी अर मंदिर को बीच म मार कियो गया हैं मी तुम से सही बोलू हैं इन सब को लेखा यु बखत को इंसान से लियो जाएगो
52अऊर व्यवस्थापक धितकार हैं तुम लोग हुन ख! काहेकि तुम न ग्यान की कुंजी ले ते लियो हैं पर तुम न स्वंय ही न भीतर नी करे अर जे भीतर करे रहे हतो उन ख रोक दियो हैं
53जब उ वहाँ से निकलो, ते सासतिरी अर फरीसी बुरी तरीका से ओको पिछे पड़ गया अर छोड़न लगियो कि उ बेजा सी बात की चर्चा करे, 54अऊर वी यूईच देख रया हता कि यीसु को मुन्डा से निकली कोई बात ख पकड़े।
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