1पतरस 3
3
घर वालो अर घरवाली
1अरे घर वाली हुन, तुम भी अपनो घर वालो#3:1 पति को बस म रहो, एकोलाने कि अदि इन म से कोई असो हैं जो वचन का नी माना हैं,#इफिसीयो 5:22; कुलुस्सियो 3:18 2तेबी तुमारो डर संग सुध्द चाल चलन ख देख कर बिना वचन को अपनी-अपनी घर वाली ख चाल-चलन को दुवारा खिच जाहे। 3तुमारो सजनू दिखान वालो नी होए, असो कि बाल गूँथनू, अर सोना का जेवर, या अलग-अलग का कपड़ा पहिननो, 4यानी कि तुमारो छिपो हुओ अर लुकाम मनुस्यत्व, नम्र हुन अर मन कि दीन हुन कि अविनासी सजावट से सुसज्जित रय्हे, काहेकि परमेस्वर कि आँखी म एको किमत बड़ो हैं। 5पुरानो जमाना म सुध्द बाई हुन भी, जो परमेस्वर पर आसा रखह हती, अपनो खुद ख यू रिती रिवाज से संवारती अर अपनो-अपनो घर वालो को बस म रह हती। 6जसो सारा अब्राहम कि बात ख मानत रवह हती अर ओ ख मालिक कहत हती। यू तरीका तुम भी अदि भलाई कर अर कोई तरीका को डर से डर जो मत, ते ओकी पोरी हुन कहलायेगी।
7असो ही अरे पति हुन, तुम भी समझ दारी से पत्नी हुन संग जिन्दगी गुजार ख#3:7 निर्वाह कर, अर ओरत को सुध्द बर्तन जान ख ओको आदर कर, यू समझ ख कि हम दोई जिन्दगी को वरदान का सन्तान हैं, जेसे तुमारी प्रार्थना हुन रूक नी जाहे।
भलई को कारन सताओ
8अब: सब झन एक मन अर कृपामय अर भई चारा हुन को रखन वाली, अर करूनामय अर सिधो बनो। 9बुरा का बदला बुरा मत कर अर नी गाली को बदला गाली नी दे; पर एका बदला आसीस ही दे, काहेकि तुम आसीस को सन्तान होन का लाने बुलायो गयो हो। 10काहेकि
“जे कोई जिन्दगी से प्यार रखह हैं,
अर अच्छो दिन देखन चाहूँ हैं,
वा अपनी जीभ ख बुराई से,
अर अपनो होठ हुन ख धोखा कि बात हुन करन से रोके रह।
11उही बुराई का संग छोड़े, अर भलाई ही कर;
वा मेल झुल करन ढूँढे, अर ओखा तैयारी म रहो।
12काहेकि प्रभु कि आँखी धर्मियो करन वाली का ऊपर पर लगी रह हैं,
अर ओखा कान उनकी प्रार्थना करी तरफ लगा रह हैं;
पर प्रभु बुराई करन वाली का विमुख रह हैं।”#भजन 34:12-16; यूहन्ना 9:31; नीति 15:29
13अदि तुम भलाई करन का लाने परेसान#3:13 उतेजित रह हैं ते तुमारो बुराई करन वालो फिर कऊन हैं? 14अदि तुम धरम को लाने दुख भी उठाओ, ते भलो हैं; पर अदमी हुन का डरान से मत डर, अर नी घबराओ,#मत्ती 5:10 15पर मसी को प्रभु जान ख अपनो अपनो मन म सुध्द समझो। पर जो कोई तुम से तुमारी आसा को बारा म कई पूछे, ओ ख जवाब देन का लाने हमेसा तैयार रह, पर नम्रता अर डर का संग; 16अर मन से भी सुध्द रख जो, एकोलाने कि जीन बात हुन का बारा म तुमारी बदनामी होय हैं उनके बारा म वी, जो मसी म तुमारो अच्छो चाल चलन की बेज्जती करह हैं, लज्जित हैं। 17काहेकि अदि परमेस्वर की यू ही इच्छा हैं कि तुम भलाई करन का लाने दुख उठाओ, ते यू बुराई करन का लाने दुख उठाना से सही हैं। 18एकोलाने कि मसी न भी, याने अधर्मी हुन को लाने धरमी न, पाप हुन का लाने एक बार दुख उठायो, काहेकि हम ख परमेस्वर को नजदीक पहुँचाए; उ सरीर का भाव से ते जख्म कियो गयो, पर आत्मा ख भाव से जिलायो गयो। 19ओ म ही ओ न जा ख बंदी हुई आत्मा हुन ख भी खबर कियो, 20जिन न उ बीतो बखत म आग्या नी मानी, जब परमेस्वर नूह का दिन हुन म सान्ति रख ख रोको रय्हो, अर उ नाव बना रय्हो हता, जे म बैठ ख थोड़ा अदमी याने आठ प्रानी पानी को दुवारा बच गया। 21उही पानी को उदाहरन भी, याने बपतिस्मा, यीसु मसी को जी उठन को दुवारा, अब तुम ख बचाव हैं; ऐ से सरीर को मईल ख दूर करन को मतलब नी हैं, पर भलो विवेक से परमेस्वर को बस म हो जान का मतलब हैं। 22उ स्वर्ग पर जा ख परमेस्वर कि दाहिनो तरफ बैठ गयो; अर स्वर्ग दूत अर अधिकार अर सक्ति साली ओखा बस म कियो गयो हैं। #इफिसीयो 1:20-21; भजन 110:1
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1पतरस 3: MtP25
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