भजन संहिता २५ के साथ - दुआ, पश्चाताप, इबादत और विलापनमूना

भजन संहिता २५ के साथ - दुआ, पश्चाताप, इबादत और विलाप

दिन 6 का 7

सलाम,

हम भजन संहिता २५ की सीरीज़ के आख़िर में पहुँच रहे हैं, यह अध्याय जो ख़ुदा ने २०२५ में मेरे और मेरे परिवार के लिए मेरे दिल में रखा है। आज हम भजन संहिता २५:२०-२१ पर गौर करेंगे।

"मेरे प्राण की रक्षा कर, और मुझे छुड़ा; मुझे लज्जित न होने दे, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूँ। खराई और सीधाई मुझे सुरक्षित रखे, क्योंकि मुझे तेरी ही आशा है।" – भजन संहिता २५:२०-२१

भजन संहिता २५ में दाऊद दुआ, पश्चाताप, इबादत और विलाप करता है। इन आख़री आयतों में, दाऊद अपनी पूरी उम्मीद ख़ुदा में रखता है और उसे यक़ीन है कि सिर्फ़ ख़ुदा ही असली पनाह और हिफ़ाज़त देने वाला है।

उम्मीद बहुत ताक़तवर और क़ीमती है। बाइबल में इसका ज़िक्र एक बरक़त के तौर पर किया गया है:

"परमेश्‍वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्‍वास करने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए।" – रोमियों १५:१३

नाउम्मीद की ज़िंदगी, ज़िंदगी ही नहीं हैं। बाइबल नाउम्मीद से भरे हुए लोगों को, "सोये हुए" और "दुखी" बताती है। – १ थिस्सलुनीकियों ४:१३

जब मैं और जेनी हमारे बेटे ज़ैक की बीमारी और उसके साथ जुड़ी मुश्किलों से जूझते हैं, तो हम अकसर सोचते हैं कि वे लोग जो ऐसी तकलीफ़ों से गुज़रते हैं, मगर उस सच्चे ख़ुदा को नहीं जानते, यह दर्द सहने की ताक़त कहां से हासिल करते हैं? हमारे लिए, इस दर्द को सहने की एक ही वजह यह उम्मीद है कि ख़ुदा ज़ैक को शिफ़ा देगा और यह यक़ीन है कि आख़िरकार हम हमेशा के लिए आसमान के उस पार, यीशु मसीह के साथ रहेंगे, जहाँ कोई बीमारी और तकलीफ़ें नहीं होंगी।

मसीही होने का मतलब है कि, नाउम्मीद हालातों में भी, दाऊद की तरह, हम भी ख़ुदा में उम्मीद रख सकते हैं।

क्या आप हाल ही में नाउम्मीद महसूस कर रहे हैं? एक बार आसमान की तरफ़ देखिए, यह एक जिस्मानी इशारा होगा कि आप अपने नज़रिए को ऊपर, ख़ुदा की तरफ़ मोड़ रहे हैं और उसे आपके दिल को उम्मीद से भरने के लिए इज़ाज़त दे रहे हैं।

मैं आपको प्रोस्ताहित करता हूँ कि इस हफ़्ते हर दिन भजन संहिता २५ को अपने और अपने घरवालों के लिए पढ़ें। मैं आख़री आयत में अपने परिवार का नाम जोड़ कर इस दुआ को पढ़ता हूँ:

"हे परमेश्‍वर, मेंडीस परिवार को उनके सारे संकटों से छुड़ा ले।" अभी आप भी ऐसे ही प्रार्थना अपने और अपने परिवार के लिए कर सकते हैं।

आप एक चमत्कार हैं

कॅमरॉन मेंडीस

इस योजना के बारें में

भजन संहिता २५ के साथ - दुआ, पश्चाताप, इबादत और विलाप

इस सप्ताह अपने हर दिन की दुआ में भजन संहिता २५ को शामिल कीजिए। यह पढ़ने की योजना एक दिल से निकली पुकार, ख़ुदा ख़ूबसुरत वादें और नम्रता से भरे दुआ से भरी हैं। हर दिन के अंत में एक शक्तिशाली दुआ आपके और आपके परिवार के लिए।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Jesus.net - Desi को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: hi.jesus.net/chamatkar-every-day/?utm_campaign=amed&utm_source=Youversion&utm_medium=referral&utm_content=hindi-pray-lament-worship-and-repent-with-psalm25-series