2 राजाओं 14:15-27

2 राजाओं 14:15-27 HINOVBSI

यहोआश के और काम जो उसने किए, और उसकी वीरता और उसने किस रीति यहूदा के राजा अमस्याह से युद्ध किया, यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? अन्त में यहोआश अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसे इस्राएल के राजाओं के बीच शोमरोन में मिट्टी दी गई; और उसका पुत्र यारोबाम उसके स्थान पर राज्य करने लगा। यहोआहाज के पुत्र इस्राएल के राजा यहोआश के मरने के बाद योआश का पुत्र यहूदा का राजा अमस्याह पन्द्रह वर्ष जीवित रहा। अमस्याह के और काम क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं? जब यरूशलेम में उसके विरुद्ध राजद्रोह की गोष्‍ठी की गई, तब वह लाकीश को भाग गया। अत: उन्होंने लाकीश तक उसका पीछा करके उसको वहाँ मार डाला। तब वह घोड़ों पर रखकर यरूशलेम में पहुँचाया गया, और वहाँ उसके पुरखाओं के बीच उसको दाऊदपुर में मिट्टी दी गई। तब सारी यहूदी प्रजा ने अजर्याह को लेकर, जो सोलह वर्ष का था, उसके पिता अमस्याह के स्थान पर राजा नियुक्‍त कर दिया। राजा अमस्याह अपने पुरखाओं के संग सो गया, तब उसके बाद अजर्याह* ने एलत को दृढ़ करके यहूदा के वश में फिर कर लिया। यहूदा के राजा योआश के पुत्र अमस्याह के राज्य के पन्द्रहवें वर्ष में इस्राएल के राजा यहोआश का पुत्र यारोबाम शोमरोन में राज्य करने लगा, और इकतालीस वर्ष राज्य करता रहा। उसने वह किया जो यहोवा की दृष्‍टि में बुरा था; अर्थात् नबात के पुत्र यारोबाम जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उनसे वह अलग न हुआ। उसने इस्राएल की सीमा हमात की घाटी से ले अराबा के ताल तक ज्यों की त्यों कर दी, जैसा कि इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा ने अमित्तै के पुत्र अपने दास गथेपेरवासी योना भविष्यद्वक्‍ता के द्वारा कहा था। क्योंकि यहोवा ने इस्राएल का दु:ख देखा कि बहुत ही कठिन है, वरन् क्या बँधुआ क्या स्वाधीन कोई भी बचा न रहा, और न इस्राएल के लिये कोई सहायक था। यहोवा ने नहीं कहा था कि मैं इस्राएल का नाम धरती पर से मिटा डालूँगा। अत: उसने यहोआश के पुत्र यारोबाम के द्वारा उनको छुटकारा दिया।