परन्तु मैं तुम से कहता हूँ − अपने शत्रुओं से प्रेम करो और जो तुम पर अत्याचार करते हैं, उनके लिए प्रार्थना करो। इससे तुम अपने स्वर्गिक पिता की सन्तान बन जाओगे; क्योंकि वह भले और बुरे, दोनों पर अपना सूर्य उगाता तथा धर्मी और अधर्मी, दोनों पर पानी बरसाता है।
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7 दिन
क्या आज आप बहुतायत से उमड़ने वाले स्थान से चलने, कम करने, प्रेम करने और सेवा करने का निर्णय लेंगे? क्या आप पवित्र आत्मा से प्रार्थना करना चाहेगें कि वह आपको इस हद तक भर दे ताकि जब दूसरे लोग आपको देखें तो उन्हें भली प्रकार से सींचा गया बगीचा या ऐसा उमड़ता हुआ झरना नज़र आये जिसका पानी किसी भी मौसम में कभी नहीं सूखता ?
दस दिन
इस क्रम में पहाड़ी उपदेशों को देखा जाएगा (मत्ती 5-7)। इससे पाठक को पहाड़ी उपदेश को बेहतर तरीके से समझने में सहायता मिलेगी और उससे जुड़ी बातों को रोज़मर्रा के जीवन में लागू करने की समझ भी प्राप्त होगी ।
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