निर्गमन 17
17
चट्टान से जल का फूटना
1प्रभु की आज्ञा के अनुसार समस्त इस्राएली मंडली, सीन के निर्जन प्रदेश से प्रस्थान कर, स्थान-स्थान पर पड़ाव डालते हुए आगे बढ़ी। उन्होंने रफीदीम नामक स्थान में पड़ाव डाला। पर वहाँ लोगों के लिए पीने का पानी न था।#गण 33:12,14 2अत: वे मूसा से विवाद करने लगे। उन्होंने कहा, ‘हमें पानी दीजिए कि हम पीएँ।’ मूसा ने उनसे कहा, ‘क्यों तुम मुझसे विवाद करते हो? क्यों तुम प्रभु को परखते हो?’#गण 20:3; व्य 6:16 3किन्तु लोग वहाँ पानी के लिए प्यासे थे। वे मूसा के विरुद्ध बक-बक करने लगे। उन्होंने कहा, ‘आप हमें, हमारी सन्तान और पशुओं को प्यास से मार डालने के लिए मिस्र देश से क्यों ले आए?’ 4अत: मूसा ने प्रभु की दुहाई दी, ‘मैं इन लोगों के साथ क्या करूं? ये मुझे पत्थर से मार डालने को तत्पर हैं।’ 5प्रभु ने मूसा से कहा, ‘अपने साथ इस्राएलियों के कुछ धर्मवृद्धों को लेकर लोगों के आगे-आगे जा। तू अपने हाथ में उस लाठी को लेकर जाना जिससे तूने नील नदी पर प्रहार किया था। 6देख, वहाँ मैं तेरे सम्मुख होरेब पर्वत की चट्टान पर खड़ा रहूँगा। तू चट्टान पर प्रहार करना। तब उससे जल निकलेगा कि लोग उसे पी सकें।’ मूसा ने इस्राएलियों के धर्मवृद्धों की आंखों के सामने ऐसा ही किया। 7मूसा ने उस स्थान का नाम मस्सा#17:7 अर्थात् ‘परखना’ और मरीबा#17:7 अर्थात् “विवाद” रखा; क्योंकि इस्राएलियों ने वहाँ मूसा से विवाद किया और प्रभु को परखा था। उन्होंने कहा, ‘क्या हमारे मध्य प्रभु है, अथवा नहीं?#भज 95:8
अमालेक जाति से युद्ध
8तत्पश्चात् अमालेक जाति के लोग आये। उन्होंने रफीदीम में इस्राएलियों से युद्ध किया।#1 शम 15:2 9मूसा ने यहोशुअ से कहा, ‘हमारे हेतु इस्राएलियों में से पुरुषों को चुन, और जा! अमालेक जाति से युद्ध कर! कल मैं परमेश्वर की लाठी अपने हाथ में लेकर पहाड़ी की चोटी पर खड़ा रहूंगा।’ 10जैसा मूसा ने यहोशुअ से कहा था, वैसा ही उसने किया। उसने अमालेक जाति से युद्ध किया। मूसा, हारून और हूर पहाड़ी की चोटी पर गए। 11जब-जब मूसा अपना हाथ ऊपर उठाते तब-तब इस्राएली जीतते। किन्तु जब वह अपना हाथ नीचे कर लेते तब अमालेक जाति जीत जाती।#भज 44:6; याक 5:16 12मूसा के हाथ थक गए। अतएव हारून और हूर ने एक पत्थर लिया और उसको नीचे रखा। मूसा उस पर बैठ गए। हारून और हूर उनके हाथ संभाले रहे; एक उनकी बाईं ओर था, दूसरा दाहिनी ओर। अत: उनके हाथ सूर्यास्त तक उठे रहे। 13यहोशुअ ने अपनी तलवार की धार से अमालेक जाति को परास्त कर दिया।
14प्रभु ने मूसा से कहा, ‘यह बात स्मरण के लिए पुस्तक में लिख और उसको यहोशुअ के कान में डाल कि प्रभु आकाश के नीचे से अमालेक जाति का स्मृति-चिह्न पूर्णत: मिटा देगा।’#व्य 25:19; 1 शम 15:2 15मूसा ने एक वेदी निर्मित की। उन्होंने उसका यह नाम रखा, ‘प्रभु मेरी ध्वजा है, ’ 16और कहा, ‘प्रभु की ध्वजा पकड़े रहो।#17:16 अथवा, “क्योंकि उसने प्रभु के सिंहासन पर हाथ उठाया।” पीढ़ी से पीढ़ी तक प्रभु के लिए अमालेक जाति से हमारा युद्ध होता रहेगा।’
Actualmente seleccionado:
निर्गमन 17: HINCLBSI
Destacar
Compartir
Copiar
¿Quieres tener guardados todos tus destacados en todos tus dispositivos? Regístrate o inicia sesión
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.
निर्गमन 17
17
चट्टान से जल का फूटना
1प्रभु की आज्ञा के अनुसार समस्त इस्राएली मंडली, सीन के निर्जन प्रदेश से प्रस्थान कर, स्थान-स्थान पर पड़ाव डालते हुए आगे बढ़ी। उन्होंने रफीदीम नामक स्थान में पड़ाव डाला। पर वहाँ लोगों के लिए पीने का पानी न था।#गण 33:12,14 2अत: वे मूसा से विवाद करने लगे। उन्होंने कहा, ‘हमें पानी दीजिए कि हम पीएँ।’ मूसा ने उनसे कहा, ‘क्यों तुम मुझसे विवाद करते हो? क्यों तुम प्रभु को परखते हो?’#गण 20:3; व्य 6:16 3किन्तु लोग वहाँ पानी के लिए प्यासे थे। वे मूसा के विरुद्ध बक-बक करने लगे। उन्होंने कहा, ‘आप हमें, हमारी सन्तान और पशुओं को प्यास से मार डालने के लिए मिस्र देश से क्यों ले आए?’ 4अत: मूसा ने प्रभु की दुहाई दी, ‘मैं इन लोगों के साथ क्या करूं? ये मुझे पत्थर से मार डालने को तत्पर हैं।’ 5प्रभु ने मूसा से कहा, ‘अपने साथ इस्राएलियों के कुछ धर्मवृद्धों को लेकर लोगों के आगे-आगे जा। तू अपने हाथ में उस लाठी को लेकर जाना जिससे तूने नील नदी पर प्रहार किया था। 6देख, वहाँ मैं तेरे सम्मुख होरेब पर्वत की चट्टान पर खड़ा रहूँगा। तू चट्टान पर प्रहार करना। तब उससे जल निकलेगा कि लोग उसे पी सकें।’ मूसा ने इस्राएलियों के धर्मवृद्धों की आंखों के सामने ऐसा ही किया। 7मूसा ने उस स्थान का नाम मस्सा#17:7 अर्थात् ‘परखना’ और मरीबा#17:7 अर्थात् “विवाद” रखा; क्योंकि इस्राएलियों ने वहाँ मूसा से विवाद किया और प्रभु को परखा था। उन्होंने कहा, ‘क्या हमारे मध्य प्रभु है, अथवा नहीं?#भज 95:8
अमालेक जाति से युद्ध
8तत्पश्चात् अमालेक जाति के लोग आये। उन्होंने रफीदीम में इस्राएलियों से युद्ध किया।#1 शम 15:2 9मूसा ने यहोशुअ से कहा, ‘हमारे हेतु इस्राएलियों में से पुरुषों को चुन, और जा! अमालेक जाति से युद्ध कर! कल मैं परमेश्वर की लाठी अपने हाथ में लेकर पहाड़ी की चोटी पर खड़ा रहूंगा।’ 10जैसा मूसा ने यहोशुअ से कहा था, वैसा ही उसने किया। उसने अमालेक जाति से युद्ध किया। मूसा, हारून और हूर पहाड़ी की चोटी पर गए। 11जब-जब मूसा अपना हाथ ऊपर उठाते तब-तब इस्राएली जीतते। किन्तु जब वह अपना हाथ नीचे कर लेते तब अमालेक जाति जीत जाती।#भज 44:6; याक 5:16 12मूसा के हाथ थक गए। अतएव हारून और हूर ने एक पत्थर लिया और उसको नीचे रखा। मूसा उस पर बैठ गए। हारून और हूर उनके हाथ संभाले रहे; एक उनकी बाईं ओर था, दूसरा दाहिनी ओर। अत: उनके हाथ सूर्यास्त तक उठे रहे। 13यहोशुअ ने अपनी तलवार की धार से अमालेक जाति को परास्त कर दिया।
14प्रभु ने मूसा से कहा, ‘यह बात स्मरण के लिए पुस्तक में लिख और उसको यहोशुअ के कान में डाल कि प्रभु आकाश के नीचे से अमालेक जाति का स्मृति-चिह्न पूर्णत: मिटा देगा।’#व्य 25:19; 1 शम 15:2 15मूसा ने एक वेदी निर्मित की। उन्होंने उसका यह नाम रखा, ‘प्रभु मेरी ध्वजा है, ’ 16और कहा, ‘प्रभु की ध्वजा पकड़े रहो।#17:16 अथवा, “क्योंकि उसने प्रभु के सिंहासन पर हाथ उठाया।” पीढ़ी से पीढ़ी तक प्रभु के लिए अमालेक जाति से हमारा युद्ध होता रहेगा।’
Actualmente seleccionado:
:
Destacar
Compartir
Copiar
¿Quieres tener guardados todos tus destacados en todos tus dispositivos? Regístrate o inicia sesión
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.