YouVersion Logo
Search Icon

यूहन्ना 11:1-46

यूहन्ना 11:1-46 HINOVBSI

मरियम और उसकी बहिन मार्था के गाँव बैतनिय्याह का लाज़र नामक एक मनुष्य बीमार था। यह वही मरियम थी जिसने प्रभु पर इत्र डालकर उसके पाँवों को अपने बालों से पोंछा था, इसी का भाई लाज़र बीमार था। अत: उसकी बहिनों ने उसे कहला भेजा, “हे प्रभु, देख, जिससे तू प्रीति रखता है, वह बीमार है।” यह सुनकर यीशु ने कहा, “यह बीमारी मृत्यु की नहीं; परन्तु परमेश्‍वर की महिमा के लिये है, कि उसके द्वारा परमेश्‍वर के पुत्र की महिमा हो।” यीशु मार्था और उसकी बहिन और लाज़र से प्रेम रखता था। फिर भी जब उसने सुना कि वह बीमार है, तो जिस स्थान पर वह था, वहाँ दो दिन और ठहर गया। इसके बाद उसने चेलों से कहा, “आओ, हम फिर यहूदिया को चलें।” चेलों ने उस से कहा, “हे रब्बी, अभी तो यहूदी तुझ पर पथराव करना चाहते थे, और क्या तू फिर भी वहीं जाता है?” यीशु ने उत्तर दिया, “क्या दिन के बारह घंटे नहीं होते? यदि कोई दिन में चले तो ठोकर नहीं खाता, क्योंकि इस जगत का उजाला देखता है। परन्तु यदि कोई रात में चले तो ठोकर खाता है, क्योंकि उसमें प्रकाश नहीं।” उसने ये बातें कहीं, और इसके बाद उनसे कहने लगा, “हमारा मित्र लाज़र सो गया है, परन्तु मैं उसे जगाने जाता हूँ।” तब चेलों ने उस से कहा, “हे प्रभु, यदि वह सो गया है, तो स्वस्थ हो जाएगा।” यीशु ने तो उसकी मृत्यु के विषय में कहा था, परन्तु वे समझे कि उसने नींद से सो जाने के विषय में कहा। तब यीशु ने उनसे साफ साफ कह दिया, “लाज़र मर गया है; और मैं तुम्हारे कारण आनन्दित हूँ कि मैं वहाँ न था जिससे तुम विश्‍वास करो। परन्तु अब आओ, हम उसके पास चलें।” तब थोमा ने जो दिद्‍मुस कहलाता है, अपने साथी चेलों से कहा, “आओ, हम भी उसके साथ मरने को चलें।” वहाँ पहुँचने पर यीशु को यह मालूम हुआ कि लाज़र को कब्र में रखे चार दिन हो चुके हैं। बैतनिय्याह यरूशलेम के समीप कोई दो मील की दूरी पर था। बहुत से यहूदी मार्था और मरियम के पास उनके भाई की मृत्यु पर शान्ति देने के लिये आए थे। जब मार्था ने यीशु के आने का समाचार सुना तो उससे भेंट करने को गई, परन्तु मरियम घर में बैठी रही। मार्था ने यीशु से कहा, “हे प्रभु, यदि तू यहाँ होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता। और अब भी मैं जानती हूँ कि जो कुछ तू परमेश्‍वर से माँगेगा, परमेश्‍वर तुझे देगा।” यीशु ने उससे कहा, “तेरा भाई फिर जी उठेगा।” मार्था ने उससे कहा, “मैं जानती हूँ कि अन्तिम दिन में पुनरुत्थान के समय वह जी उठेगा।” यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ; जो कोई मुझ पर विश्‍वास करता है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा, और जो कोई जीवित है और मुझ पर विश्‍वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा। क्या तू इस बात पर विश्‍वास करती है?” उसने उससे कहा, “हाँ हे प्रभु, मैं विश्‍वास करती हूँ कि परमेश्‍वर का पुत्र मसीह जो जगत में आनेवाला था, वह तू ही है।” यह कहकर वह चली गई, और अपनी बहिन मरियम को बुलाकर चुपके से कहा, “गुरु यहीं है और तुझे बुलाता है।” यह सुनते ही वह तुरन्त उठकर उसके पास आई। यीशु अभी गाँव में नहीं पहुँचा था परन्तु उसी स्थान में था जहाँ मार्था ने उस से भेंट की थी। तब जो यहूदी उसके साथ घर में थे और उसे शान्ति दे रहे थे, यह देखकर कि मरियम तुरन्त उठ के बाहर गई है यह समझे कि वह कब्र पर रोने को जाती है, तो उसके पीछे हो लिये। जब मरियम वहाँ पहुँची जहाँ यीशु था, तो उसे देखते ही उसके पाँवों पर गिर पड़ी और कहा, “हे प्रभु, यदि तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता।” जब यीशु ने उसको और उन यहूदियों को जो उसके साथ आए थे, रोते हुए देखा, तो आत्मा में बहुत ही उदास और व्याकुल हुआ, और कहा, “तुम ने उसे कहाँ रखा है?” उन्होंने उससे कहा, “हे प्रभु, चलकर देख ले।” यीशु रोया। तब यहूदी कहने लगे, “देखो, वह उससे कितना प्रेम रखता था।” परन्तु उनमें से कुछ ने कहा, “क्या यह जिसने अंधे की आँखें खोलीं, यह भी न कर सका कि यह मनुष्य न मरता?” यीशु मन में फिर बहुत ही उदास होकर कब्र पर आया। वह एक गुफा थी और एक पत्थर उस पर रखा था। यीशु ने कहा, “पत्थर हटाओ।” उस मरे हुए की बहिन मार्था उससे कहने लगी, “हे प्रभु, उसमें से अब तो दुर्गंध आती है, क्योंकि उसे मरे चार दिन हो चुके हैं।” यीशु ने उससे कहा, “क्या मैं ने तुझ से नहीं कहा था कि यदि तू विश्‍वास करेगी, तो परमेश्‍वर की महिमा को देखेगी।” तब उन्होंने उस पत्थर को हटाया। यीशु ने आँखें उठाकर कहा, “हे पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि तू ने मेरी सुन ली है। मैं जानता था कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस पास खड़ी है, उनके कारण मैं ने यह कहा, जिससे कि वे विश्‍वास करें कि तू ने मुझे भेजा है।” यह कहकर उसने बड़े शब्द से पुकारा, “हे लाज़र, निकल आ!” जो मर गया था वह कफन से हाथ पाँव बँधे हुए निकल आया, और उसका मुँह अँगोछे से लिपटा हुआ था। यीशु ने उनसे कहा, “उसे खोल दो और जाने दो।” तब जो यहूदी मरियम के पास आए थे और उसका यह काम देखा था, उनमें से बहुतों ने उस पर विश्‍वास किया। परन्तु उनमें से कुछ ने फरीसियों के पास जाकर यीशु के कामों का समाचार दिया।

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy