कियों तुँऐं जाँण्दे ने के अनियाँऐ कर्णो वाल़े लोग पंणमिश्वर के राज्य के वारिस ने हंदी? परह् धोखा ने खाऐ; ना बैष्या गंम्मी, ना मुर्ती पुज्णों वाल़े, ना पराई तिरोंई आरी चोरी-जारी कर्णो वाल़े। ना मरदो आरी मरोद भोग-बिलास कर्णो वाल़े, ना चोर, ना लोभी, ना पियक्ड़-शराबी, ना गाल़ी देणों वाल़े, ना अनियाँऐ, कर्णो वाल़े, पंणमिश्वर के राज्य के वारिस हंदी।