अहै जाणदै हिन कि व्यवस्था तिन्या मणु तांई निआं जैड़ै सही कम करदै हिन पर अधर्मी, निरकुशों, भक्तिहीनां, पापी, अपवित्र जो अशुद्ध, माँ-बुड़ै जो मारनै बाळै, हत्यारै। व्यभिचारी, पुरूषगामी, मणु जो बेचणै बाळै, झूठै अतै झूठी सौगन्द खाणैबाळै अतै इआं जो छड़ी करी खरै उपदेशा रै सबी विरोधी तांई ठहराऊरी हा।