YouVersion Logo
Search Icon

भजन संहिता 48

48
परमेश्‍वर का नगर, सिय्योन
गीत। भजन। कोरहवंशियों का।
1हमारे परमेश्‍वर के नगर में, और अपने
पवित्र पर्वत पर
यहोवा महान् और अति स्तुति के योग्य है!
2सिय्योन पर्वत ऊँचाई में सुन्दर और सारी
पृथ्वी के हर्ष का कारण है,
राजाधिराज का नगर उत्तरी सिरे पर है।#मत्ती 5:35
3उसके महलों में परमेश्‍वर ऊँचा गढ़ माना
गया है।
4क्योंकि देखो, राजा लोग इकट्ठे हुए,
वे एक संग आगे बढ़ गए।
5उन्होंने आप ही देखा और देखते ही
विस्मित हुए,
वे घबराकर भाग गए।
6वहाँ कँपकँपी ने उनको आ पकड़ा,
और ज़च्‍चा की सी पीड़ाएँ उन्हें होने लगी।
7तू पूर्वी वायु से
तर्शीश के जहाजों को तोड़ डालता है।
8सेनाओं के यहोवा के नगर में,
अपने परमेश्‍वर के नगर में, जैसा हम ने
सुना था, वैसा देखा भी है;
परमेश्‍वर उसको सदा दृढ़ और स्थिर
रखेगा। (सेला)
9हे परमेश्‍वर, हम ने तेरे मन्दिर के भीतर
तेरी करुणा पर ध्यान किया है।
10हे परमेश्‍वर, तेरे नाम के योग्य
तेरी स्तुति पृथ्वी की छोर तक होती है।
तेरा दाहिना हाथ धर्म से भरा है;
11तेरे न्याय के कामों के कारण
सिय्योन पर्वत आनन्द करे,
और यहूदा के नगर की पुत्रियाँ#48:11 मूल में, बेटियाँ मगन हों!
12सिय्योन के चारों ओर चलो, और उसकी
परिक्रमा करो,
उसके गुम्मटों को गिन लो,
13उसकी शहरपनाह पर दृष्‍टि लगाओ,
उसके महलों को ध्यान से देखो;
जिससे कि तुम आनेवाली पीढ़ी के लोगों से
इस बात का वर्णन कर सको।
14क्योंकि यह परमेश्‍वर सदा सर्वदा हमारा
परमेश्‍वर है,
वह मृत्यु तक हमारी अगुवाई करेगा।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy