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यूहन्ना 3:19-36

यूहन्ना 3:19-36 HINOVBSI

और दण्ड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उनके काम बुरे थे। क्योंकि जो कोई बुराई करता है, वह ज्योति से बैर रखता है, और ज्योति के निकट नहीं आता, ऐसा न हो कि उसके कामों पर दोष लगाया जाए। परन्तु जो सत्य पर चलता है, वह ज्योति के निकट आता है, ताकि उसके काम प्रगट हों कि वह परमेश्‍वर की ओर से किए गए हैं।” इसके बाद यीशु और उसके चेले यहूदिया देश में आए; और वह वहाँ उन के साथ रहकर बपतिस्मा देने लगा। यूहन्ना भी शालेम के निकट ऐनोन में बपतिस्मा देता था, क्योंकि वहाँ बहुत जल था, और लोग आकर बपतिस्मा लेते थे– यूहन्ना उस समय तक जेलखाने में नहीं डाला गया था– वहाँ यूहन्ना के चेलों का किसी यहूदी के साथ शुद्धि के विषय में वाद–विवाद हुआ। और उन्होंने यूहन्ना के पास आकर उससे कहा, “हे रब्बी, जो व्यक्‍ति यरदन के पार तेरे साथ था, और जिसकी तू ने गवाही दी है; देख, वह बपतिस्मा देता है, और सब उसके पास आते हैं।” यूहन्ना ने उत्तर दिया, “जब तक मनुष्य को स्वर्ग से न दिया जाय, तब तक वह कुछ नहीं पा सकता। तुम तो आप ही मेरे गवाह हो कि मैं ने कहा, ‘मैं मसीह नहीं, परन्तु उसके आगे भेजा गया हूँ।’ जिसकी दुलहिन है, वही दूल्हा है; परन्तु दूल्हे का मित्र जो खड़ा हुआ उसकी सुनता है, दूल्हे के शब्द से बहुत हर्षित होता है : अब मेरा यह हर्ष पूरा हुआ है। अवश्य है कि वह बढ़े और मैं घटूँ। “जो ऊपर से आता है वह सर्वोत्तम है; जो पृथ्वी से आता है वह पृथ्वी का है, और पृथ्वी की ही बातें कहता है : जो स्वर्ग से आता है, वह सब के ऊपर है। जो कुछ उसने देखा और सुना है, उसी की गवाही देता है; और कोई उसकी गवाही ग्रहण नहीं करता। जिसने उसकी गवाही ग्रहण कर ली उसने इस बात पर छाप लगा दी कि परमेश्‍वर सच्‍चा है। क्योंकि जिसे परमेश्‍वर ने भेजा है, वह परमेश्‍वर की बातें कहता है; क्योंकि वह आत्मा नाप नापकर नहीं देता। पिता पुत्र से प्रेम रखता है, और उसने सब वस्तुएँ उसके हाथ में दे दी हैं। जो पुत्र पर विश्‍वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्‍वर का क्रोध उस पर रहता है।”

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