दूसरे दिन यीशु ने गलील को जाना चाहा। वह फिलिप्पुस से मिला और कहा, “मेरे पीछे हो ले।” फिलिप्पुस, अन्द्रियास और पतरस के नगर बैतसैदा का निवासी था। फिलिप्पुस नतनएल से मिला और उस से कहा, “जिस का वर्णन मूसा ने व्यवस्था में और भविष्यद्वक्ताओं ने किया है, वह हम को मिल गया; वह यूसुफ का पुत्र, यीशु नासरी है।” नतनएल ने उस से कहा, “क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है?” फिलिप्पुस ने उस से कहा, “चलकर देख ले।” यीशु ने नतनएल को अपनी ओर आते देखकर उसके विषय में कहा, “देखो, यह सचमुच इस्राएली है : इसमें कपट नहीं।” नतनएल ने उस से कहा, “तू मुझे कैसे जानता है?” यीशु ने उसको उत्तर दिया, “इस से पहले कि फिलिप्पुस ने तुझे बुलाया, जब तू अंजीर के पेड़ के तले था, तब मैं ने तुझे देखा था।” नतनएल ने उसको उत्तर दिया, “हे रब्बी, तू परमेश्वर का पुत्र है; तू इस्राएल का महाराजा है।” यीशु ने उसको उत्तर दिया, “मैं ने जो तुझ से कहा कि मैं ने तुझे अंजीर के पेड़ के तले देखा, क्या तू इसी लिये विश्वास करता है? तू इससे भी बड़े–बड़े काम देखेगा।” फिर उस से कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि तुम स्वर्ग को खुला हुआ, और परमेश्वर के स्वर्गदूतों को मनुष्य के पुत्र के ऊपर उतरते और ऊपर जाते देखोगे।”
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