तुम जो यह कहते हो, “आज या कल हम किसी और नगर में जाकर वहाँ एक वर्ष बिताएँगे, और व्यापार करके लाभ कमाएँगे।” और यह नहीं जानते कि कल क्या होगा। सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्या? तुम तो भाप के समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है फिर लोप हो जाती है। इसके विपरीत तुम्हें यह कहना चाहिए, “यदि प्रभु चाहे तो हम जीवित रहेंगे, और यह या वह काम भी करेंगे।” पर अब तुम अपने डींग मारने पर घमण्ड करते हो; ऐसा सब घमण्ड बुरा होता है। इसलिये जो कोई भलाई करना जानता है और नहीं करता, उसके लिये यह पाप है।
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