याक़ूब के वंश का वृत्तान्त यह है : यूसुफ सत्रह वर्ष का होकर अपने भाइयों के संग भेड़–बकरियों को चराता था; और वह लड़का अपने पिता की पत्नी बिल्हा और जिल्पा के पुत्रों के संग रहा करता था; और उनकी बुराइयों का समाचार अपने पिता के पास पहुँचाया करता था। इस्राएल अपने सब पुत्रों से बढ़ के यूसुफ से प्रीति रखता था, क्योंकि वह उसके बुढ़ापे का पुत्र था : और उसने उसके लिये एक रंगबिरंगा अंगरखा बनवाया। परन्तु जब उसके भाइयों ने देखा कि हमारा पिता हम सब भाइयों से अधिक उसी से प्रीति रखता है, तब वे उससे बैर करने लगे और उसके साथ ठीक से बात भी नहीं करते थे।
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