YouVersion Logo
Search Icon

1 कुरिन्थियों 1:20-31

1 कुरिन्थियों 1:20-31 HINOVBSI

कहाँ रहा ज्ञानवान? कहाँ रहा शास्त्री? कहाँ रहा इस संसार का विवादी? क्या परमेश्‍वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? क्योंकि जब परमेश्‍वर के ज्ञान के अनुसार संसार ने ज्ञान से परमेश्‍वर को न जाना, तो परमेश्‍वर को यह अच्छा लगा कि इस प्रचार की मूर्खता के द्वारा विश्‍वास करनेवालों को उद्धार दे। यहूदी तो चिह्न चाहते हैं, और यूनानी ज्ञान की खोज में हैं, परन्तु हम तो उस क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह का प्रचार करते हैं, जो यहूदियों के लिये ठोकर का कारण और अन्यजातियों के लिये मूर्खता है; परन्तु जो बुलाए हुए हैं, क्या यहूदी क्या यूनानी, उनके निकट मसीह परमेश्‍वर की सामर्थ्य और परमेश्‍वर का ज्ञान है। क्योंकि परमेश्‍वर की मूर्खता मनुष्यों के ज्ञान से ज्ञानवान है, और परमेश्‍वर की निर्बलता मनुष्यों के बल से बहुत बलवान है। हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। परन्तु परमेश्‍वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है कि ज्ञानवानों को लज्जित करे, और परमेश्‍वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है कि बलवानों को लज्जित करे; और परमेश्‍वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, वरन् जो हैं भी नहीं उनको भी चुन लिया कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। ताकि कोई प्राणी परमेश्‍वर के सामने घमण्ड न करने पाए। परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्‍वर की ओर से हमारे लिये ज्ञान ठहरा, अर्थात् धर्म, और पवित्रता, और छुटकारा; ताकि जैसा लिखा है, वैसा ही हो, “जो घमण्ड करे वह प्रभु में घमण्ड करे।”

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy